Jun 24, 2024, 06:33 PM IST

कोठे पर रहने वाली इन तवायफों को नहीं मिलता था पेट भर खाना

Smita Mugdha

आजादी से पहले देश की मशहूर तवायफों की बात की जाती है, तो कहा जाता है कि वह काफी पैसे वाली थीं. 

कुछ तवायफों के पास तो इतनी दौलत थी कि कहा जाता है कि उनके जेवर नवाबों की रानियों को टक्कर देते थे.

हालांकि, यह कोठों का एकतरफा सच है और हर तवायफ की जिंदगी इतनी शानदार नहीं होती थी. 

कोठे की मालकिन और उनकी खास शार्गिदों को छोड़ दें, तो ज्यादातर तवायफों की जिंदगी बेहद मामूली होती थी. 

मालकिन और उनकी चहेती तवायफों को तैयार करना, उनके घरेलू काम करना और कोठों की साफ-सफाई की जिम्मेदारी उनके ऊपर होती थी. 

इन्हें इनाम और वेतन नहीं मिलता था और ये पाई-पाई के लिए मोहताज होती थीं. 

कोठे पर रहने वाली ऐसी लड़कियों को अक्सर अपनी मालकिनों की उतरन पहनने को मिलती थी और इनका खाना-पीना भी बहुत साधारण था.

इन लड़कियों की जिंदगी बिल्कुल आलीशान नहीं होती थी और इनकी हालत किसी घरेलू सहायिका जैसी थी.