Oct 21, 2023, 11:26 AM IST

कौरवों से जीतकर भी हार गए थे पांडव, दर्दनाक था अंतिम सफर

Kavita Mishra

महाभारत के युद्ध में पांडवों ने कौरवों को परास्त कर दिया था. कौरव पक्ष के सभी योद्धा मारे जा चुके थे.

मृत्यु के पश्चात पांडवों को नर्क में स्थान मिला और दुर्योधन स्वर्गलोक को गया. पांडवों में सिर्फ युधिष्ठिर ही थे जिन्हें स्वर्ग प्राप्त हुआ था. 

 आइए जानते हैं आखिर पांडवों की मौत कैसे हुई थी. कहा जाता है कि पांडवों का अंतिम सफर बहुत दर्दनाक था. 

महाभारत युद्ध के बाद युधिष्ठिर हस्तिनापुर के राजा बने. 36 साल तक पांडवों ने राज-पाठ संभाला लेकिन यदुवंशियों के नाश और श्रीकृष्ण की मृत्यु की बात जानकर द्रौपदी सहित पांडवों ने सहशरीर स्वर्ग की यात्रा पर जाने का निर्णय लिया.

महाभारत की कथा अनुसार पांचों पांडव, द्रौपदी और एक कुत्ता भी उनकी स्वर्ग यात्रा में चल रहा था.

इस दौरान सबसे द्रौपदी की मौत हुई क्योंकि वह अपने अन्य पतियों की तुलना में अर्जुन को अधिक प्यार करती थीं.

 भीम ने युधिष्ठिर से इसका कारण पूछा कि आखिर द्रौपदी ने इतनी जल्दी क्यों शरीर त्याग दिया और स्वर्ग की ओर उनकी यात्रा को क्यों नहीं पूरा किया.

तब युधिष्ठिर ने बताया कि द्रौपदी भले ही हम पांचों की पत्नी थीं लेकिन उन्होंने अपना धर्म पूरा नहीं किया. द्रौपदी के बाद एक-एक करके सभी पांडव अपना-अपना जीवन त्याग चुके थे और अंत में स्वर्ग के दरवाजे पर सिर्फ युधिष्ठिर ही पहुंच पाए थे.