Dec 3, 2023, 01:47 AM IST

बिना बहुमत के भी बनती है राजस्थान में सरकार

Kuldeep Panwar

राजस्थान में विधानसभा चुनाव की मतगणना के साथ ही तय हो जाएगा कि अगले 5 साल भाजपा या कांग्रेस में से किसकी सरकार रहने वाली है.

राजस्थान का रिकॉर्ड रहा है कि वहां एक पार्टी ने कभी लगातार दो बार सरकार नहीं बनाई है. साथ ही अधिकतर मौकों पर बहुमत के करीब पहुंचकर 'जुगाड़' सरकार बनने का ही इतिहास रहा है.

एग्जिट पोल में राज्य में इस बार भी करीबी मुकाबला रहने के आसार दिखे हैं यानी किसी एक को स्पष्ट बहुमत मिलने की संभावना कम ही है. ऐसे में इस बार भी 'जुगाड़' की सरकार बनने की संभावना है.

आपको बताते हैं कि राजस्थान में इससे पहले कब-कब बहुमत के करीब पहुंचने पर 'जुड़ाड़' सरकार बनाई जा चुकी है.

1962 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 176 में से 88 सीटें मिली थीं. तब कांग्रेस ने निर्दलीयों का सहारा लेकर राजस्थान में सरकार बना ली थी.

इसके बाद 1967 के विधानसभा चुनाव में पूरा राजस्थान घोर कांग्रेस विरोधी लहर से गुजर रहा था. फिर भी 184 में से 89 सीट जीतकर कांग्रेस ने 'जुगाड़' की सरकार बना ली थी.

1990 के विधानसभा चुनाव में भाजपा और वीपी सिंह के जनता दल के बीच गठबंधन हुआ था. 200 में से भाजपा ने 85 सीट जीतीं. उसने जनता दल के 55 विधायकों के समर्थन से सरकार बनाई.

1993 में बीजेपी ने 95 सीटें जीतीं, लेकिन बहुमत के लिए जरूरी 101 सीट के आंकड़े से दूर ही रही. तब निर्दलीयों का सहारा लेकर भाजपा ने अपनी सरकार का गठन किया.

2008 के राजस्थान विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 96 सीट जीतीं और उसे भी 'जुगाड़' का सहारा लेकर अपनी सरकार का गठन करना पड़ा.

2018 के विधानसभा चुनाव में भी अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस ने 100 सीटें जीतीं, लेकिन बहुमत से 1 सीट दूर रह गई. तब उसने बसपा के 6 और निर्दलीय विधायकों के समर्थन से सरकार बनाई थी.

यदि पूर्ण बहुमत वाली सरकारों की बात की जाए तो 1972 में कांग्रेस ने 145, 1980 में 133, 1985 में 113 और 1998 में 153 सीट जीतकर सरकार बनाई थी. 1977 में जनता पार्टी ने 152 सीटें जीती थीं.