Jan 20, 2024, 03:58 PM IST

वनवास में पति पत्नी की तरह नहीं रहते थे भगवान राम और सीता?

Smita Mugdha

राम और सीता दोनों राजपरिवार में पले थे और दोनों की शादी भी बहुत भव्य तरीके से हुई थी लेकिन इसके बाद भी उन्हें वनवास भोगना पड़ा. 

राजा दशरथ के वचन का पालन करने के लिए राम 14 साल के वनवास के लिए निकल गए थे और सीता भी पत्नी धर्म निभाते हुए उनके साथ थीं. 

राम और सीता वनवास में गृहस्थ जीवन के पति-पत्नी की तरह नहीं बल्कि संन्यासियों सा जीवन जीते थे. 

वनवास में रहते हुए प्रभु श्रीराम और माता सीता सदैव एक-दूसरे का संबल बने रहे लेकिन आम गृहस्थों की तरह दोनों भोग विलास और सांसारिक सुखों से दूर थे. 

इस दौरान दोनों ने कठोर तपस्वियों सा जीवन जीया जिसमें साधारण मोटे वस्त्र पहनना और कंदमूल खाना, जमीन पर सोने जैसे नियम शामिल थे.

माता सीता ने वनवास के कठिन वर्षों में हर तरह से प्रुभ श्रीराम की सेवा की और दोनों गृहस्थ जीवन में रहते हुए भी संन्यासियों की तरह जीए.

यही वजह है कि भारतीय समाज में राम और सीता को मर्यादा पुरुषोत्तम और गृहस्थों के आदर्श रूप के तौर पर देखा जाता है.