Jun 23, 2024, 07:12 PM IST

भगवान राम यहां हुए ब्रह्महत्या के दोष से मुक्त, आज भी मौजूद है वो सरोवर

Sumit Tiwari

भगवान राम और रावण का युद्ध समाप्त हो चुका था. प्रभु राम ने लंका का राज पाठ विभीषण को सौंप दिया था.

रावण का वध करने के बाद भगवान राम अपने आप को ब्रह्महत्या का दोषी मानने लगे थे. 

रावण बहुत बड़ा शिव भक्त होने के साथ-साथ एक विद्वान ब्रह्ममण भी था. इसलिए भगवान उसकी हत्या के पाप का प्राश्चित करना चाहते थे. 

भगवान राम ने ब्राह्मण हत्या के दोष से मुक्त होने के लिए जिस सरोवर में डुबकी लगाई थी, वहां आज भी लोग स्नान करते है. 

 मान्यता यह है कि यहां स्नान करने से हर पाप से मुक्ति मिल जाती है.

 यह स्थान उत्तर प्रदेश लखनऊ से लगभग 150 किलोमीटर दूर हरदोई के पास नैमिशरण परिक्रमा क्षेत्र में हत्याहरण तीर्थ सरोवर है.

स्कंद पुराण, विष्णु पुराण, और महाभारत में भी नैमिषारण्य की 84 कोसीय परिक्रमा वर्णन किया गया है.

हिंदू मान्यताओं के अनुसार मनु व सतरूपा ने नैमिषारण्य में ही 23 हजार वर्षों तक आदि गंगा गोमती के तट पर तपस्या की थी.