रामायण में आपने रावण और मंदोदरी का संवाद सुना होगा.
आज हम आपको बताएंगे कि क्या मंदोदरी ने मजबूरी में रावण से शादी की थी.
पौराणिक कथाओं के अनुसार, मंदोदरी पंच कन्याओं में से एक थी, उसे चिर कुमारी भी कहा जाता था.
वह अप्सरा हेमा की पुत्री थीं, महर्षि कश्यप के पुत्र मायासुर ने उन्हें गोद लिया था.
मायासुर को राक्षसों का विश्वकर्मा भी कहा जाता था. उसे ब्रह्मा जी से एक विशेष वरदान प्राप्त था. कथा के अनुसार, एक बार रावण मायासुर से मिलने के लिए मंडोर पहुंचा.
तभी उसकी नजर मंदोदरी पर पड़ी और उसने मायासुर के सामने विवाह का प्रस्ताव रखा.
जब रावण और मंदोदरी की कुंडली का मिलान हुआ तब स्थितियां ठीक नहीं थीं लेकिन रावण के प्रताप को देखकर वह मना नहीं कर पाए.
मंदोदरी भी यह विवाह नहीं करना चाहती थीं लेकिन पिता के वचन की लाज रखने के लिए उन्होंने भी रावण से विवाह के लिए हां कह दी.
दोनों का विवाह मंडोर स्थित वापिका के पास गणेश एवं अष्ट मातृकाओं के फलक के पास ही मौजूद अग्निकुंड के पास ही हुआ था.