Jan 12, 2024, 02:26 PM IST
हर घर में बोले जाते हैं रामचरितमानस के ये 5 दोहे, आपको याद हैं या नहीं?
Smita Mugdha
22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा होने वाली है और पूरे देश का माहौल इस वक्त राममय है.
प्रभु श्रीराम का जीवन हर भारतीय के लिए आदर्श है और रामचरितमानस के कई दोहे तो आज भी गांव-गांव में लोगों को याद हैं.
रामचरितमानस के इन दोहों में जीवन और सत्य का आदर्श छुपा है. आइए जानते हैं ऐसे ही 5 कुछ यादगार दोहों के बारे में.
आज भी घर में लो भय या संशय के वक्त प्रभु श्रीराम को याद करते हुए गाते हैं, 'रामकथा सुंदर करतारी, संशय विहग उड़ावनहारी'
शक्ति प्रयोग की जरूरत के लिए राजनीति में भी इस दोहे को दोहराया जाता है, 'बिनय न माने जलधि जड़ गए तीन दिन बीत, बोले राम सकोप तब भय बिनु होई न प्रीत'
राज्य हो या परिवार का मुखिया ये दोहा खूब दोहराया जाता है, 'मुखिया मुख सो चाहिए खानपान को एक, पालै पोसे सकल अंग तुलसी सहित बिबेक.'
एक और दोहा जीवन परिस्थितियों में खूब दोहराया जाता है, 'कोऊ नृप हो हमहूं को हानि, चेरी छोड़ होई रानी'
एक और दोहा भारतीयों के जनमानस में छपा है, 'दैहिक दैविक भौतिक तापा, राम राज नहिं काहुहिं ब्यापा.'
22 जनवरी को होने वाले राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए पूरा देश बेसब्री से इंतजार कर रहा है.
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