भारत की वो वीर रानी, जिसे मुगलों की 3000 सेना भी नहीं हरा पाई
Anamika Mishra
मुगलों ने कई सालों तक भारत पर शासन किया और युद्ध लड़कर कई राज्यों पर अपना कब्जा जमाया.
लेकिन मुगलों के लिए ये जीत हासिल करना इतना आसान नहीं था क्योंकि, भारतीय राजाओं ने भी अपने राज्य को बचाने के लिए मुगलों से युद्ध किया और उन्हें हराया.
इस युद्ध में एक रानी का नाम भी शामिल है जिन्होंने मुगलों से जंग की और उसमें जीत हासिल की.
ये रानी वीरांगना महारानी दुर्गावती थीं, जो कालिंजर के राजा कीर्तिसिंह चंदेल की इकलौती पुत्री थीं.
रानी दुर्गावती बेहद साहसी थीं और इनका विवाह गोंडवाना राज्य के राजा संग्राम शाह के पुत्र दलपत शाह से हुआ था.
शादी के कुछ सालों बाद ही रानी दुर्गावती के पति की मृत्यु हो गई और इस समय उनका पुत्र मात्र 5 साल का था. इसके बाद रानी दुर्गावती ने 15 सालों तक गोंडवाना क्षेत्र को संभाला.
इसी बीच अकबर के कानों में रानी की बहादुरी के किस्से पहुंचे और अकबर ने गोंडवाना राज्य पर हमला कर रानी को हरम में डालने की योजना बनाई.
इसके बाद रानी दुर्गावती और अकबर के बीच युद्ध हुआ. रानी के पास कम सैनिक होने के बावजूद उन्होंने 3000 से ज्यादा मुगल सैनिकों को मार गिराया.
रानी को अपने सम्मान के आगे मृत्यु को स्वीकार करना ज्यादा सही लगा. जब उन्होंने सब कुछ नष्ट होता देखा तो खुद ही अपने पेट पर कटार मारकर वह वीरगति को प्राप्त हो गईं.