Feb 12, 2024, 08:47 PM IST
प्रभु श्रीराम ने नहीं ली थी माता सीता की अग्निपरीक्षा
Smita Mugdha
रामायण की कथा के मुताबिक, श्रीराम ने जब युद्ध जीत लिया तो सीता को स्वीकार करने से पहले उन्होंने अग्निपरीक्षा ली थी.
कह जाता है कि प्रभु ने सीता के सामने यह शर्त रखी थी कि अग्निपरीक्षा से निकलने के बाद ही वह उन्हें स्वीकार करेंगे.
हालांकि, बहुत कम लोगों को ही असल कहानी पता है कि माता सीता से श्रीराम ने कभी अग्निपरीक्षा नहीं ली थी.
दरअसल श्रीराम सर्वज्ञाता थे और पृथ्वी पर वह पापों के नाश के लिए ही आए थे. उन्हें रावण के अपहरण करने और युद्ध की भी जानकारी थी.
इसलिए माता सीता के हरण से पहले ही उन्होंने उन्हें सुरक्षित कर दिया था और उनकी प्रतिकृति का अपहरण कर रावण ले गया था.
यही वजह है कि माता सीता के लंका लौटने से पहले जब राम ने अग्निपरीक्षा की बात की तो वह परीक्षा माता सीता ने नहीं बल्कि उनकी प्रतिकृति ने दी थी.
प्रभु श्रीराम ने जब सीता से अग्निपरीक्षा ली, तो वह सिर्फ एक राजा कै तौर पर लोक आचरण को ख्याल में लेकर किया गया फैसला था.
माता सीता ने प्रभु श्रीराम की पत्नी के रूप में वनवास और जीवन के हर प्रसंग में उनकी शक्ति बनकर रही थीं.
माता सीता और प्रभु श्रीराम का प्रेम और दांपत्य जीवन भारतीय जनमानस के लिए पूज्य और आदर्श है.
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