Dec 27, 2023, 09:11 PM IST

महाभारत में द्रौपदी ने कुत्तों को क्या दिया था श्राप

Rahish Khan

महाभारत काल के दौरान द्रौपदी द्वारा दिए गए श्रापों का असर आज भी धरती पर देखने को मिलता है.

द्रोपदी ने जब पांच पांडवों के साथ विवाह किया तो उन्होंने एक शर्त रखी थी कि एक समय पर केवल एक भाई ही उनके कक्ष में प्रवेश करेगा. 

पांचों पांडवों में से जो भी कमरे में जाएगा वो अपनी पादुका (यानी जूते) निकालकर दरवाजे के बाहर रख देगा. इससे अंदाजा हो जाएगा कि कोई दूसरा भाई द्रोपदी के साथ है.

अगर कोई इस नियम का उल्लंघन करेगा तो उसे तुरंत एक साल के लिए वनवास जाना पड़ेगा. सभी ने इस शर्त को मान लिया.

एक बार द्रौपदी के साथ युधिष्ठर थे, लेकिन तभी अर्जुन भी कमरे में पहुंच गए और अपने बड़े भाई को द्रौपदी के साथ देख लिया.

द्रौपदी को इस पर बहुत शर्मिंदगी महसूस हुई. अर्जुन भी शर्मसार हो गए. द्रौपदी ने गुस्से में अर्जुन से पूछा क्या आपको बाहर पादुका नहीं दिखी?

इस पर अर्जुन ने कहा नहीं. युधिष्ठर ने बाहर जाकर देखा तो दरवाजे के पास जूते नहीं थे. ढूंढने पर पता चला एक कुता उनकी पादुका को उठाकर ले गया था.

वह कुत्ता जंगल में युधिष्ठर की पादुका से खेल रहा था. तभी द्रौपदी ने कुत्ते को श्राप दिया कि आज के बाद तुम्हारी नस्लें खुले में ही सहवास करेंगी.

यह तथ्य लोक कथाओं और जन श्रुतियों पर आधारित है.