Jan 10, 2024, 07:54 PM IST
भगवान श्रीराम के भक्तों का इंतजार अब खत्म होने वाला है. अयोध्या के राम मंदिर में जल्द भगवान राम विराजमान होने वाले हैं.
इस मौके पर आज हम आपको एक ऐसी झील के बारे में बता रहे हैं जहां एक कौवे ने गरुड़ देव को रामायण कथा सुनाई थी.
यह झील उत्तराखंड में मौजूद है. त्रेतायुग की इस झील में कोई न कोई रहस्य छिपा हुआ है. इस झील की काफी मान्यता है.
उत्तराखंड के चमोली जिले में एक काकभुशुण्डि ताल है. इस झील को लेकर बड़ी आस्था देखने को मिलती है.
हिंदू मान्यताओं के अनुसार, इस झील पर रामयण के एक पात्र काकभुशुण्डि ने कौवे का रूप लेकर गरुड़ को रामायण कथा सुनाई थी.
जब भगावन राम मेघनाद से युद्ध कर रहे थे, तो उन्हें नागपाश से बांध दिया गया था. तब गरुड़ ने भगवान श्रीराम को मुक्त किया था.
गरुड़ को उस दौरान भगवान राम के होने का एहसास हुआ तो वह जानने के लिए ब्रह्मा जी के पास पहुंचे.
ब्रह्मा जी ने गरुड़ को भगवान शिव के पास भेज दिया. वहां से भगवान शिव ने गरुड़ को काकभुशुण्डि के पास भेज दिया था.
गरुड़ जब काकभुशुण्डि के पास पहुंचे तो उन्हें रामायण कथा के बारे में पता चला. काकभुशुण्डि ने कौवे के रूप में झील पर बैठकर गरुड़ को राम कथा सुनाई.
इस वजह से इस झील को काफी पवित्र माना जाता है. आज भी लोग यहां स्नान करने के लिए जाते हैं. उनका मानना है कि इससे पाप धुल जाते हैं.
पौराणिक ग्रंथों में बताया कि लोमेश ऋषि के श्राप से काकभुशुण्डि कौवा बन गए थे, जिसकी वजह से उन्होंने अपना पूरा जीवन कौवे के रूप में गुजारा.