Jun 24, 2024, 04:39 PM IST

वो तवायफें जिनकी वजह से हम आजाद हैं

Aditya Prakash

तवायफों की पहचान एक समय पर गीत-संगीत और नृत्य के माध्यम से मनोरंजन करने वाली खूबसूरत अदाकारा के तौर पर होती थी.

इन्हें राज घरानों में मनोरंजन करने के लिए बुलाया जाता था.

तारीख में कई तवायफों ने देश की आजादी की लड़ाई में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था.

इन्ही तवायफों में हुस्ना बाई थीं. उन्होंने तवायफों को इकट्ठा करके तवायफ सभा बनाई थी.

जेएनयू की प्रोफेसर लता सिंह ने अपनी रिसर्च में इन तवायफों के आजादी के संग्राम में शामिल होने का जिक्र किया है.

लता सिंह के मुताबिक तवायफ हुस्ना बाई की तरफ से गांधी जी के 1920-22 के बीच नॉन कॉपरेशन मूवमेंट में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया गया था.

अवध के नवाब वाजिद अली शाह की बीवी हजरत महल ने भी भारत की आजादी के लिए अंग्रेजों से टकरा गई थीं. 

हजरत महल शादी से पहले तवायफ थीं. उन्होंने भी देश की आजादी की लड़ाई में अपना अहम योगदान दिया था. 

हुस्ना बाई और हजरत महल के अलावा अजीजुबाई, हुसैनी, बेगम हजरत महल, गौहर जान और विद्याधर बाई जैसी दूसरी तवायफों ने भी भारत की स्वतंत्रता में अहम योगदान दिया.