आइए, जानें उन 5 मुगल खानपान के बारे में जो अब हमारे खाने की आदतों का हिस्सा बन चुके हैं.
मुगलों का भारत में आगमन न केवल उनके साम्राज्य के विस्तार का संकेत था, बल्कि यह भारतीय रसोई में भी एक नया अध्याय लेकर आया.
कोरमा!
यह एक समृद्ध और मलाईदार ग्रेवी में पकने वाली चिकन की विशेष डिश है. इसके स्वाद में बदलावों के बाद इसे क़ोरमा कहा जाने लगा.
नल्ली निहारी!
यह मुगल सम्राटों का प्रिय नाश्ता था. नल्ली निहारी पारंपरिक रूप से मटन और हड्डी के मजेदार मांस से भरा हुआ होता है, जो सॉस में धीमी आंच पर पकाया जाता है.
कबाब!
14वीं सदी के अंत में कबाब तुर्की से भारत आए और उन्होंने भारतीय खाने में अपनी एक खास जगह बनाई.
मटन सीख कबाब !
मुर्ग मलाई कबाब के अलावा, मटन सीख कबाब भी एक खास डिश है, जो कटा हुआ मटन और मसाले से बनाई जाती है.
बिरयानी!
बिरयानी एक चावल की डिश है, जो मांस और मसालों के मिश्रण से बनती है. यह 16वीं सदी में मुगल दरबार के साथ लोकप्रिय हुई और अब इसके अनगिनत संस्करण हमारे भोजन में शामिल हैं.
ये थे वे 5 मुगल व्यंजन, जिन्होंने भारतीय रसोई में अपना अलग स्थान बना लिया है. मुगल खानपान का असर आज भी हमारे स्वाद पर कायम है.