क्या आप जानते हैं कि भारतीय रेलवे दुनिया के सबसे बड़े रेल नेटवर्क में से एक है? लेकिन इसमें कुछ रूट्स ऐसे हैं जो आपको एक कोने से दूसरे कोने तक ले जाते हैं.
इन रूट्स पर ट्रेनें केवल दूरी नहीं तय करतीं, बल्कि संस्कृति, परंपराएं और लोगों के दिल भी जोड़ती हैं। चलिए जानते हैं, कौन से हैं ये लंबे रूट्स.
क्या आपको अंदाजा है कि भारत का सबसे लंबा रूट कितने किलोमीटर का है? यह ट्रेनें हजारों किलोमीटर का सफर तय करती हैं.
यइन रूट्स पर चलने वाली ट्रेनें 8-10 राज्यों से गुजरती हैं, हर स्टेशन पर कुछ नया देखने और समझने को मिलता है.
भारत का सबसे लंबा रेल मार्ग, डिब्रूगढ़ से कन्याकुमारी रूट है. यह ट्रेन कुल 4,154.1 किमी की दूरी तय करती है.
सिलचर-तिरुवनंतपुरम सेंट्रल (3915 किमी)
दूसरा सबसे लंबा रूट, पूर्वोत्तर को दक्षिण के खूबसूरत तटों से जोड़ता है.
कन्याकुमारी-श्री माता वैष्णो देवी कटरा (3788.7 किमी)
यह ट्रेन उत्तर के धार्मिक स्थलों से दक्षिण के समुद्री किनारों तक यात्रियों को ले जाती है
तिरुनेलवेली-श्री माता वैष्णो देवी कटरा (3642 किमी)
दक्षिण भारत के इस खूबसूरत रूट से आप उत्तर के प्रसिद्ध मंदिर तक जा सकते हैं.
फिरोजपुर कैंट-रामेश्वरम (3544 किमी)
पांचवे नंबर का यह रूट, उत्तर और दक्षिण भारत के बीच यात्रा का अद्भुत अनुभव देता है.
ये ट्रेन रूट न केवल यात्रियों की यात्रा आसान बनाते हैं, बल्कि यह भारतीय रेलवे की ताकत और एकता का प्रतीक हैं.