पंडित नेहरू ने 'द डिस्कवरी ऑफ इंडिया' में महाकुंभ मेले पर कही थी ये बात
Raja Ram
पंडित नेहरू ने अपनी किताब The Discovery of India में महाकुंभ मेले का विशेष उल्लेख किया था.
महाकुंभ मेला, जो हर बार 12 साल में एक बार आयोजित होता है, भारत की समृद्ध संस्कृति और विविधता का प्रतीक है.
यह मेला हिंदू धर्म के सबसे बड़े धार्मिक आयोजनों में से एक है, जिसमें लाखों लोग हिस्सा लेते हैं
पंडित नेहरू ने अपनी प्रसिद्ध पुस्तक The Discovery of India में महाकुंभ मेला का उल्लेख करते हुए इसे एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक घटना के रूप में परिभाषित किया था.
उनके अनुसार, यह मेला भारतीय संस्कृति और विश्वास की गहरी जड़ें दर्शाता है.
नेहरू जी ने महाकुंभ मेला के दौरान लाखों लोगों को एकजुट होते देखा और इसे भारत की एकता और संस्कृति का प्रतीक माना.
उनके शब्दों में, यह मेला भारत की महान संस्कृति का परिचय पूरे विश्व को देता है.'
नेहरू जी ने महाकुंभ मेले के इतिहास को उजागर करते हुए बताया कि यह मेला हजारों सालों से आयोजित हो रहा है और इसके जरिए भारत की प्राचीन परंपराएं आज भी जीवित हैं.
महाकुंभ मेले में साधु, संत, पंथ, और समुदाय सभी जाति, वर्ण और वर्ग के भेदभाव को पार कर एकजुट होते हैं. यह एकता भारत की विविधता में एकता की शक्ति को दर्शाती है.