भारत में पहली बार 'One Nation One Election' कब हुआ था?
Raja Ram
भारत में लोकसभा और विधानसभा चुनाव को एक साथ आयोजित करने की अवधारणा को ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ कहा जाता है. इसका उद्देश्य चुनावी खर्च और समय की बचत के साथ प्रशासनिक सुगमता लाना है.
क्या आप जानते हैं कि आजादी के बाद भारत में पहली बार लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ कराए गए थे? आइए, इसके ऐतिहासिक सफर को समझते हैं.
आजादी के बाद संसदीय और विधायी कार्यों में तालमेल बनाए रखने के लिए एक साथ चुनाव कराने का निर्णय लिया गया. यह प्रक्रिया 1952 में भारत में पहली बार लागू हुई.
1952 में देश के पहले आम चुनाव हुए। इस दौरान मतदाताओं ने लोकसभा और विधानसभा दोनों के लिए एक साथ मतदान किया. यह प्रक्रिया पूरे देश में समान रूप से लागू की गई थी.
पहले आम चुनाव के बाद, 1957, 1962 और 1967 के चुनावों में भी ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ का पालन किया गया. इन चुनावों में केंद्र और राज्य सरकारों के लिए एक साथ मतदान हुआ.
1967 के बाद राज्यों के पुनर्गठन और कुछ राजनीतिक अस्थिरताओं के कारण लोकसभा और विधानसभा चुनावों को अलग-अलग कराया जाने लगा.
केरल भारत का पहला ऐसा राज्य था जहां विधानसभा चुनाव लोकसभा से अलग आयोजित किए गए थे. यह प्रक्रिया एक महत्वपूर्ण बदलाव का प्रतीक थी.
राज्यों में गठबंधन सरकारों के विघटन और मध्यावधि चुनावों के कारण 1968-69 में यह परंपरा खत्म हो गई.
एक साथ चुनाव से समय और खर्च की बचत होती है, लेकिन राज्यों और केंद्र की अलग-अलग जरूरतों को ध्यान में रखना भी जरूरी है.
‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ को दोबारा लागू करना एक जटिल प्रक्रिया होगी. इसके लिए संविधान में संशोधन और राजनीतिक सहमति की जरूरत होगी.