Jan 30, 2025, 11:22 PM IST
किसके हाथ में थी मुगल बादशाह अकबर के खजाने की चाबी
Rahish Khan
भारत में मुगल शासन की स्थापना बाबर ने की थी. 1526 में पानी की लड़ाई में इब्राहिम लोदी को हराकर मुगल सल्तन की नींव रखी.
बाबर के बाद उनका बेटा हिमायूं गद्दी पर बैठा. उसके बाद अकबर ने सत्ता संभाली और मुगलकाल का स्वर्ण युग शुरू हुआ.
अकबर के शासन में सामाजिक और आर्थिक व्यवस्था पर फोकस शुरू हुआ. दक्षिण एशिया में उत्पादन में बढ़ोतरी हुई.
अकबर के शासन काल में मसाले भारत से निर्यात होने लगे. भारत में दुनिया की दुनिया का 28% औद्योगिक उत्पादन होने लगा.
अब सवाल यह है कि मुगल काल में बजट कौन बनाता था? कहां-कहां खर्च किया जाता था? आइये जानते हैं.
मुगल काल में जमीन और उसपर उत्पादन की जानकारी इक्ट्ठा करके टैक्स निर्धारित किया जाता था.
जो लोग व्यापार करते थे, उनसे उसकी कमाई का कुछ हिस्सा टैक्स के रूप में वसूला जाता था.
हालांकि, सूखा और अकाल को दौरान किसानों से टैक्स की वसूली नहीं की जाती थी. इसमें जमीदारों को छूट मिलती थी.
मुगल काल में वित्त मंत्री को वजीर अथवा दीवान-ए-आला या दीवान-ए-कुल कहा जाता था, जो बजट बनाता था.
साल 1560 में अकबर ने ख्वाजा अब्दुल मजीद को आसफ खां की उपाधि देकर दीवान-ए-आला बनाया था.
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