Feb 18, 2024, 01:06 PM IST
जानें कौन थीं आजाद भारत की पहली महिला जज
Puneet Jain
अन्ना चांडी आजाद भारत की पहली महिला जज थीं.
अन्ना चांडी का जन्म 4 मई1905 में त्रिवेंद्रम के एक ईसाई परिवार में हुआ था.
साल 1926 में अन्ना चांडी ने लॉ (कानून) की डिग्री हासिल की और केरल में लॉ की डिग्री हासिल करने वाली पहली महिला बनीं.
बतौर बैरिस्टर अदालत में प्रैक्टिस करके अन्ना चांडी ने अपने करियर की शुरूआत की.
साल 1937 में, केरल के दीवान सर सीपी रामास्वामी अय्यर ने चांडी को मुंसिफ के रूप में नियुक्त किया.
काम करते-करते उनका पद बढ़ता गया और उनकी उपलब्धियां भी बढ़ती गईं.
फिर साल 1948 में अन्ना चांडी का जिला जज के रूप में प्रमोशन हो गया.
साल 1959 में अन्ना चांडी केरल हाईकोर्ट की पहली महिला जज बन गईं और उस दौरान देश के किसी भी हाईकोर्ट में कोई भी महिला जज नहीं थी.
साल 1967 तक उन्होंने केरल हाईकोर्ट के न्यायधीश के तौर पर अपनी सेवाएं प्रदान की, जिसके बाद वह रिटायर हो गईं.
हालांकि, अन्ना सेवानिवृत्ति के बाद भी न्याय के लिए आवाज उठाती रहीं और बाद में उन्हें भारत के विधि आयोग में नियुक्त किया गया.
केरल में साल 1996 में 91 साल की उम्र में उनका निधन हो गया.
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