May 15, 2024, 12:50 AM IST

कौन थी वो तवायफ जिससे महात्मा गांधी को भी मांगनी पड़ी थी मदद

Rahish Khan

साल 1903 में देश में एक ऐसी सुपरस्टार सिंगर हुईं, जिनकी सुरीली आवाज ने लोगों को दिवाना बना दिया.

इस सिंगर का साल 1903 को पहला गाना रिकॉर्ड हुआ था. जिसने भारतीय संगीत का नक्शा ही बदल दिया था.

यह सिंगर गौहर जान थीं. जो एक तवायफ थीं. कोठे पर ही उन्होंने संगीत सीखा था. 

उनकी गायिकी का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि वह एक गाने की फीस 3000 रुपये लेती थीं.

उस दौर में यह बहुत बड़ी रकम मानी जाती थी. ब्रिटिश हुकूमत भी उनकी महंगी फीस देखकर हिल गई थी.

गौहर जान भले ही एक तवायफ थीं, लेकिन उनका रुतबा ऐसा था महात्मा गांधी को भी उनसे आर्थिक मदद मांगनी पड़ गई थी.

दरअसल, जब महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका से लौटे तो उन्हें ब्रिटिश राज से लड़ने के लिए स्वराज निधि की शुरुआत की थी.

उस दौरान गौहर जान का गौहर जान अमीर लोगों में से एक थीं. बताया जाता है कि 1910 में उनकी नेटवर्थ लगभग 1 करोड़ रुपये थी.

गांधी के कहने पर गौहर मदद के लिए तो तैयार हो गईं, लेकिन उन्होंने एक शर्त रखी थी. शर्त ये थी कि गांधी उनके डांस परफॉरमेंस को देखने आएंगे.

गौहर का जब डांस परफॉरमेंस हुआ तो बापू वहां नहीं पहुंचे, उन्होंने अपनी जगह पर मौलाना शौकत अली को भेज दिया.

गौहर जान इससे नाराज हो गईं. उन्होंने वादे के अनुसार जो 24,000 रुपये जुटाए थे उनमें से सिर्फ 12,000 रुपये दिए.

उन्होंने मौलाना से कहा कि गांधी जी से बोल देना कि अगर वो अपना वादा पूरा नहीं कर सकते तो मैं भी पूरा पैसा नहीं दे सकती.