Jun 27, 2024, 09:37 PM IST
चांदनी चौक के इस अमीर शख्स की हवेली पर लोग क्यों लिख देते थे 'गद्दार'
Rahish Khan
देश की राजधानी दिल्ली का इतिहास बहुत लंबा रहा है. इसके बहुत सारे किस्सों से आज भी लोग अंजान हैं.
ऐसा ही एक किस्सा दिल्ली के चांदनी चौक स्थित एक पुरानी हवेली जुड़ा है. इस हवेली के पास से जो भी गुजरता है वो इसकी तरफ जरूर देखता है.
इस हवेली को लोग 'नमक हराम की हवेली' के नाम से भी जानते हैं. यह एक ऐसे अमीर शख्स की हवेली थी, जिसने बहुत बड़ा धोखा दिया था.
दरअसल, यह हवेली भवानी शंकर खत्री नाम के अमीर शख्स की थी. बात 19वीं सदी है, जब लगभग सभी रियासतों पर अंग्रेजों का कब्जा हो चुका था.
लेकिन इंदौर की रियासत ऐसी थी, जिसके महाराजा यशवंतराव होलकर ने ब्रिटिश हुकूमत की गुलामी स्वीकार करने से इनकार कर दिया.
होलकर ने ईस्ट इंडिया कंपनी के खिलाफ युद्ध लड़ने का ऐलान कर दिया. भवानी शंकर उस दौरान होलकर वफादार होता था.
युद्ध का ऐलान होते ही भवानी शंकर ने चुपके से अंग्रेजों से हाथ मिला लिया और मराठा सेना की सारी खुफिया जानकारी अंग्रेजों पहुंचाने लगा.
1803 में जब अंग्रेजों और मराठा सेना के बीच पटपड़गंज इलाके में युद्ध हुआ तो होलकर सेना को हार का सामना करना पड़ा.
हालांकि, इस युद्ध में मुगलों ने महाराजा यशवंतराव होलकर का साथ दिया, लेकिन अंग्रेजों को मराठा सेना की पूरी रणनीति पहले ही पता चल गई थी.
भवानी की इस बफादारी से खुश होकर अंग्रेजों ने चांदनी चौक में एक शानदारी हवेली दी थी, जहां वो परिवार के साथ रहने लगा था.
जिसके बाद लोग इस हवेली को 'नमक हराम की हवेली' कहने लगे और उसकी दीवार पर गद्दार लिखकर चले जाते थे.
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