Nov 16, 2023, 10:53 PM IST

भाई का सिर कटवाकर क्यों रोया था ये मुगल बादशाह

Kuldeep Panwar

मुगल सल्तनत के इतिहास में सत्ता के लिए भाई की भाई से और बेटे की पिता से लड़ाई के कई किस्से मशहूर हैं, लेकिन इनमें सबसे ज्यादा चर्चित किस्सा औरंगजेब और दारा शिकोह का ही है.

शाहजहां के इन दोनों बेटों के बीच दिल्ली की गद्दी के लिए संघर्ष हुआ था. बड़ा बेटा होने के कारण शाहजहां राजगद्दी दारा शिकोह को देना चाहता था, जो औरंगजेब को मंजूर नहीं था.

ताजमहल बनवाने वाले शाहजहां के चार बेटे दारा शिकोह, शाहशुजा, औरंगजेब और मुराद बख्श थे. चारों में आपस में झगड़ा होता रहता था, जिससे शाहजहां बेहद परेशान रहता था.

शाहजहां ने दारा शिकोह को काबुल और मुल्तान का सूबा, शुजा को बंगाल, औरंगजेब को दक्खिन और मुराद बख्श को गुजरात का सूबा सौंपकर सत्ता का बंटवारा किया था.

दारा शिकोह अपने सूबों में ना जाकर दिल्ली में शाहजहां के पास ही लाल किले में रहता था. इससे औरंगजेब खुश नहीं था. शाहजहां के बीमार पड़ने पर औरंगजेब ने दिल्ली पर हमला कर दिया.

औरंगजेब की 40 हजार सैनिकों की सेना ने दारा शिकोह के 4 लाख सैनिकों को भी हरा दिया. दारा शिकोह और उसके बेटे को बंदी बनाकर खुजली वाले हाथी पर बैठाकर पूरी दिल्ली में घुमाया गया.

औरंगजेब ने दारा शिकोह की हत्या का आदेश दे दिया. 30 अगस्त, 1659 की रात में दारा शिकोह और उसका बेटा कैदखाने में खाना बना रहे थे, तब औरंगजेब के गुलाम ने उनका सिर काट दिया.

गुलाम ने थाली में सजाकर औरंगजेब के सामने दारा शिकोह का सिर पेश किया. औरंगजेब ने उसे पानी से धुलवाया और सही में दारा शिकोह का सिर कटा हुआ पाया.

कहा जाता है कि दारा शिकोह का कटा सिर देखकर पहले औरंगजेब खुश हुआ, लेकिन इसके बाद उसे भाई की हत्या करने का पछतावा हुआ और वह फूट-फूटकर रोने लगा.

कहा जाता है कि औरंगजेब ने रोते हुए बार-बार कहा कि ऐसी सत्ता का क्या करना, जो भाइयों को कत्ल करके हासिल हुई. इसके बाद उसने दारा का शव सम्मान के साथ हूमायूं के मकबरे में दफन करा दिया.

कहा जाता है कि औरंगजेब अपने भाई की हत्या कराकर इतना दुखी था कि उसने दारा का सिर काटने वाले गुलाम को भी नहीं बख्शा. 

औरंगजेब ने पहले गुलाम को बहुत सारा धन-दौलत देकर हमेशा के लिए गुलामी से आजाद कर दिया था, लेकिन पछतावा होने के बाद जल्लाद भेजकर उसने गुलाम का सिर भी कलम करा दिया. 

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