May 11, 2024, 12:35 AM IST
कौन थी वो तवायफ जिसे लोग कहते थे 'छप्पन छुरी'
Rahish Khan
भारत में प्राचीन काल के दौरान नाच-गाने करने वालों का एक अलग समूह हुआ करता था.
उस समय मशहूर महल और कोठे भी होते थे. इन कोठों पर रहने वाली महिलाओं को तवायफ कहते थे.
इन तवायफों का काम नाच-गाकर बादशाहों और अमीर लोगों का मनोरंजन करना होता था.
ऐसी ही एक इलाहाबाद तवायफ जानकी बाई थी, जिसे लोग 'छप्पन छुरी' के नाम से भी जानते थे.
जानकी बला की खूबसूरत ही नहीं, बल्कि अपनी सुरीली आवाज से लोगों के दिलों पर राज करती थीं.
उसका जन्म साल 1880 वाराणसी में हुआ था. लेकिन जन्म के कुछ दिन जानकी का पिता दोनों मां-बेटी को छोड़ चला गया.
कुछ दिन बाद जानकी और उसकी मां मानकी देवी को इलाहाबाद के एक कोठे पर बेच दिया गया.
मानकी वहां की जिंदगी में ऐसी रमीं कि खुद वहां की मालकिन बन बैठी. लेकिन बेटी को इससे दूर रखने के लिए शास्त्रीय संगीत सिखाया.
जानकी जब 12 साल की हुई तो एक पुलिसवाले का मन फिसल गया. उसने जानकी के साथ संबंध बनाने की कोशिश की. लेकिन वह नाकाम हो गया.
पुलिसवाले को ये बात रास नहीं आई और उसने जानकी के साथ मारपीट की. उसके खूबसूरच चेहरे पर चाकू से हमला किया.
वह बच तो गई लेकिन उसका चेहरा बेदाग कर दिया गया. जानकी पर चाकू से 56 वार किए गए. इसलिए उन्हें छप्पन छुरी कहा जाने लगा.
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