Jul 14, 2024, 02:02 PM IST

खून में यूरिक एसिड बढ़ने से ये अंग होते हैं डैमेज

Ritu Singh

अकसर लोगों को ये लगता है कि हाई यूरिक एसिड जोड़ों पर हमला करता है लेकिन ये आधे से भी कम सच है.

यूरिक एसिड के उच्च स्तर से गठिया और गुर्दे की पथरी हो सकती है लेकिन इसके अलावा क्या-क्या हो सकता है ये भी जान लें.

लेकिन क्या आपको पता है कम यूरिक एसिड का स्तर विल्सन रोग का कारण बन सकता है. 

इससे फैंकोनी सिंड्रोम होता है, एक ऐसी स्थिति जिसके कारण शरीर में तांबा जमा हो जाता है, या किडनी ट्यूब विकार हो जाता है.

प्रोटोकॉल्स इन बायोकैमिस्ट्री एंड क्लिनिकल बायोकैमिस्ट्री के अनुसार नॉर्मल यूरिक एसिड का स्तर महिलाओं में 2.5-6 मिलीग्राम/डीएल और पुरुषों में 3.4-7 मिलीग्राम/100 एमएल है.

लेकिन अगर ये नॉर्मल रेंज से ज्यादा है तो शरीर में इसके कई दुष्प्रभाव देखने को मिलेंगे.

यूरिक एसिड का उच्च स्तर गाउट का कारण बन सकता है. जोड़ों और घुटने के दर्द के साथ ये हड्डियों को टेढ़ा करने लगता है.

इसके अलावा ये किडनी में स्टोन बनाता है और किडनी खराबी का कारण भी बनता है.

पीठ और कमर में दर्द का कारण भी बनता है. और शरीर में सूजन की वजह भी.

यूरिक एसिड के क्रिस्टल हड्डियों के बीच के नर्म जेल को खत्म कर वहां जम जाते हैं जिससे बोन में घिसावट होने लगती है.

जब यूरिक एसिड लीवर में जमा हो जाता है, तो यह सूजन और ऑक्सीडेटिव तनाव में योगदान दे सकता है, जिससे समय के साथ लीवर भी डैमेज होने लगता है.