Oct 19, 2023, 11:44 PM IST

बच्चों को पिलाई जाने वाली ब्रांडी शराब है या दवा

Kuldeep Panwar

सर्दियों में सर्दी-जुकाम होने पर बच्चों को गर्म पानी में ब्रांडी मिलाकर पिलाने का चलन बहुत ज्यादा है. ब्रांडी में अल्कोहल होता है. फिर भी लोग इसे दवा मानकर ही यूज करते हैं. जानते हैं ऐसा क्यों है?

पहले ब्रांडी के बारे में सबकुछ जान लीजिए. ब्रांडी को वाइन से ही बनाया जाता है और इसमें 30 से 60 फीसदी तक अल्कोहल होता है यानी यह भी शराब का ही एक रूप है, लेकिन इसे मेडिसिनल गुण बहुत ज्यादा हैं.

दुनिया में व्हिस्की के बाद ब्रांडी का उत्पादन सबसे ज्यादा किया जाता है. यह उत्पादन इसे शराब के तौर पर पीने के लिए नहीं बल्कि घायलों-बीमारों के इलाज में प्रयोग के लिए भी होता है.

ब्रांडी की खोज 10वीं-11वीं सदी में फ्रांस में हुई थी, लेकिन इसे ये नाम डच भाषा के 'ब्रांडीविजन' से मिला है, जिसका मतलब जली हुई शराब होता है. 

अमेरिका की सरकारी फूड सेफ्टी एजेंसी USDA की रिसर्च के मुताबिक, 42 ग्राम ब्रांडी पीने पर आपके शरीर को 14 ग्राम अल्कोहल यानी शराब मिलती है.

ब्रांडी को श्वसन संबंधी बीमारियों जैसे खांसी, जुकाम और गले में खराश में बेहद उपयोगी माना जाता है. इसके पॉलीफेनोल यौगिक दिल की सूजन घटाकर ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करते हैं. इसमें कार्बोहाइड्रेट नहीं होता है.

ब्रांडी को सीमित मात्रा में पीने से यह इम्युनिटी बूस्टर का काम करती है. साथ ही इसमें एंटी-एजिंग गुण भी होता है, जो झुर्री जैसे उम्र के प्रभावों को कंट्रोल करता है.

ब्रांडी को रात में खाने के बाद हल्की मात्रा में लेने पर माना जाता है कि यह अच्छी नींद का कारण बनती है. साथ ही संक्रामक रोगों के खिलाफ दवाई का काम भी करती है.

ब्रांडी पीने से शरीर में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ने की बात मानी गई है, जबकि इससे सिर धोने पर बालों का इंफेक्शन खत्म होता है और उनके झड़ने की समस्या में राहत मिलती है.

ब्रांडी कम मात्रा में पीने के कारण जहां दवाई जैसा काम करती है, वहीं इसे ज्यादा पीने के भी साइड इफेक्ट्स हैं. ज्यादा पीने पर आपकी शुगर बढ़ सकती है. सेंट्रल नर्वस सिस्टम को नुकसान हो सकता है. लीवर-किडनी को भी नुकसान हो सकता है.