Aug 25, 2024, 03:16 PM IST

तवायफों के लिए ज़रूरी थी इन 3 विषयों की पढ़ाई

Smita Mugdha

भारत में तवायफों का एक समृद्ध इतिहास रहा है जिनके कोठे पर कला और संस्कृति को संरक्षण मिलता था. 

तवायफों की जिंदगी का कला, नृत्य और गायन सीखना और उनका रियाज करना अहम हिस्सा था. 

क्या आप जानते हैं कि तवायफों की जिंदगी में शिक्षा की भी उतनी ही महत्वपूर्ण जगह थी? 

छुटपन में ही कोठे पर आ जाने वाली लड़कियों को खास तौर पर 3 विषयों की शिक्षा देकर पारंगत बनाया जाता था. 

उनकी शिक्षा में सबसे अहम था संगीत और नृत्य की अलग-अलग विधाओं में पारंगत होना. इसके लिए घंटों अभ्यास करती थीं. 

इसके अलावा, उन दिनों कोठे अदब की जगह भी हुआ करते थें और उन्हें खास तौर पर उर्दू शायरी की शिक्षा दी जाती थी. 

तवायफों तो अदब की दुनिया के मुताबिक उठने-बैठने से लेकर महफिल में अपनी धाक जमाने के लिए ट्रेंड किया जाता था.

तवायफों को सजने-संवरने और मौके के मुताबिक श्रृंगार करने के बारे में भी सिखाया जाता था. 

तवायफों की जिंदगी में सिर्फ अदा और नजाकत ही नहीं थी, बल्कि अदब और शायरी जैसी चीजें भी थीं.