Oct 27, 2024, 07:20 AM IST
कांजीवरम और चंदेरी साड़ियों में क्या फर्क होता है?
Smita Mugdha
दक्षिण भारत की कांजीवरम और उत्तर भारत की चंदेरी साड़ियां देश-विदेश में अपनी खास कलाकारी की वजह से जानी जाती हैं.
कांजीवरम और चंदेरी दोनों ही साड़ियां बेहद खूबसूरत और महंगी होती हैं. इनकी खास बनावट में काफी फर्क होता है.
कांजीवरम साड़ियां शुद्ध शहतूत रेशम से बनती हैं, जबकि चंदेरी साड़ियां सिल्क और कॉटन से मिलकर बनती हैं.
कांजीवरम साड़ियों में शुद्ध सोने या चांदी की जरी होती है, जबकि चंदेरी साड़ियों की किनारी बारीक जरी से सजाई जाती है.
कांजीवरम साड़ियों को हाथ से बुना जाता है और इनमें शरीर और बॉर्डर को अलग-अलग बुना जाता है.
चंदेरी साड़ियों की बुनाई के लिए जरी आगरा और सूरत से मंगाई जाती है.
कांजीवरम साड़ियों में मंदिर जैसे पारंपरिक दक्षिण भारतीय चित्र और नक्काशी होती है.
चंदेरी साड़ियों की किनारी बारीक जरी से सजाई जाती है और उत्तर भारतीय संस्कृति की झलक होती है.
कांजीवरम और चंदेरी साड़ियां दोनों ही बेहद लोकप्रिय हैं और सेलिब्रिटीज के बीच भी खूब पसंद की जाती है.
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