Jul 27, 2024, 10:01 AM IST

निराशा से भरे मन को जोश से भर देंगी डॉ. अब्दुल कलाम ये सीख

Ritu Singh

डॉ कलाम का आज के दिन ही यानी 27 जुलाई 2015 को IIM शिलांग में लेक्चर देते समय दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था.

डॉ.कलाम ने देश के युवाओं को नए तरीके से सोचने और उसपर काम करने के लिए प्रेरित किया था.

आज आपको डॉ.कलाम कुछ विचारों के बारे में बताएंगे जो युवाओं के निराशा से भरे मन में भी जोश भर सकते हैं.

डॉ.कलाम ने कहा था कि देश का सबसे अच्छा दिमाग क्लासरूम के आखिरी बेंचों पर मिल सकता है.

किसी भी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए, चाहे वह कितना ही बड़ा क्यों न हो, दृढ़ संकल्प और कड़ी मेहनत की आवश्यकता होती है.

इंतजार करने वाले को उतना ही मिलता हैं, जितना कोशिश करने वाले छोड़ देते हैं.

डर की कोई जगह नहीं है. केवल ताकत ताकत का सम्मान करती है.

इंसान को कठिनाइयों की आवश्यकता होती है, क्योंकि सफलता का आनंद उठाने के लिए ये जरूरी हैं.

जिस दिन हमारे सिग्नेचर ऑटोग्राफ में बदल जायें, उस दिन मान लीजिये आप कामयाब हो गये.

आप अपना भविष्य नहीं बदल सकते, लेकिन अपनी आदतें बदल सकते हैं और निश्चित रूप से आपकी आदतें आपका भविष्य बदल देंगी.

अगर हमें अपने सफलता के रास्ते पर निराशा हाथ लगती है इसका मतलब यह नहीं है कि हम कोशिश करना छोड़ दें क्योंकि हर निराशा और असफलता के पीछे ही सफलता छिपी होती है.

 तो अगर आप केवल इन विचारों को अपने जीवन में उतार लें तो आपके सारे सपने पूरे हों सकते हैं.