Sep 9, 2024, 08:44 AM IST

अंधे पृथ्वीराज ने मोहम्मद गौरी की हत्या कैसे की थी?

Ritu Singh

चौहान वंश के आखिरी शासक पृथ्वीराज चौहान थे और उनकी प्रेमकहानी ही नहीं, वीरता के किस्से भी खूब रहे हैं.

उस समय, घुर जो कि वर्तमान अफगानिस्तान में घोर है का मुहम्मद गौरी उत्तरी भारत में अपने अधिकार का दावा कर रहा था.

 मुहम्मद गौरी ने पृथ्वीराज पर 17 बार आक्रमण किया और हर बार पृथ्वीराज ने उसे बंदी बनाया और फिर छोड़ दिया.

लेकिन 18वीं बार साजिश से  मुहम्मद गौरी ने पृथ्वीराज को युद्ध में हराया और अपने साथ गजनी ले आया.

पृथ्वीराज चौहान और उनके मित्र चंदबरदाई को बंदी बना लिया गया. सजा के तौर पर गर्म सलाखों से पृथ्वीराज की आंखें फोड़ दी गई. 

इसके बाद दोनों को गौरी गजनी लाया और यहीं पृथ्वीराज ने चंदबरदाई संग गौरी की हत्या के लिए एक साजिश रची.

असल में ये तीर चलाना सीखाना पृथ्वीराज और चंदरबरदाई की साजिश का हिस्सा था.

महल में जब ये चर्चा फैली की पृथ्वीराज चौहान शब्दभेदी बाण चलाते हैं. मोहम्मद गोरी को शब्दभेदी बाण चलाने की कला का पता चला.

आखिरी इच्छा के रूप में चंदबरदाई के कहने पर इसके प्रदर्शन की इजाजत मुहम्मद गौरी ने  दे दी और राजमहल में पृथ्वीराज को लाया गया.

इसके बाद चंदबरदाई ने पृथ्वीराज को 2 तीर दिलाए. ताकि वह प्रदर्शन कर सकें और अपनी साजिश को अंजाम

पहले तीर निशाने पर जानबूझ कर पृथ्वीराज ने नहीं चलाया. इसके बाद आखिरी तीर जब ताना तो मित्र चंदबरदाई ने शब्दभेदी बाण के लिए एक जुमला कहा-

"चार बांस चौबीस गज अंगुल अष्ट प्रमाण, ता ऊपर सुल्तान है मत चूके चौहान” चंदबरदाई ने अपने मित्र पृथ्वीराज चौहान को गौरी का क्लू दे दिया.

इतना सुनते ही पृथ्वीराज चौहान ने गौरी पर निशाना साधा और तीर उसके सीने के पार हो गया. इस घटना के कुछ देर बाद ही पृथ्वीराज और चंद बरदाई ने एक दूसरे को मार दिया था.