हड़प्पा से लेकर अब तक कितने बदले कंघों के डिजाइन, जानें कंघों के इतिहास का A to Z
Meena
हड़प्पा सभ्यता से लेकर अब तक कंघों के डिजाइन में बहुत अंतर आया है.
हड़प्पा सभ्यता के समय इस्तेमाल होने वाले एक कंघे के अवशेष. हाथी के दांतों से बना यह कंघा हरियाणा के बनवाली गांव में खुदाई के दौरान मिला.
हड्डी से बने इस नक्काशीदार कंघे के हत्थे पर हाथी की आकृति उकेरी गई है. 20वीं सदी के इस कंघे के अवशेष ओडिशा में प्राप्त हुए.
कुषाण राजवंश के समय का यह कंघा उत्तर प्रदेश के श्रृंगवेरपुर में खुदाई के दौरान मिला. यह कंघा हाथी के दातों से बना है.
शुंग साम्राज्य में कंघों पर बढ़ते सजावट के प्रमाण मिलते हैं. पश्चिम बंगाल का ऐतिहासिक स्थल चन्द्रकेतुगढ़ से इस कंघे के प्रमाण मिले हैं.
मुगल शासकों के समय की इस मेकअप के कंघे में किट में हाथी के दांत, लाल पत्थर और गोल्ड से डिजाइन बना हुआ है.
भगवान कृष्ण राक्षस कालिया का वध करते हुए दिखाए गए हैं. इस कंघे के साक्ष्य दक्षिण भारत में मिले और यह हाथी के दांतों से बना है.
अरुणाचल प्रदेश की आदि ट्राइब द्वारा बनाया गया यह कंघा बांस से बना है. इसकी समयावधि 20वीं शताब्दी की है. इसके बीच में नारियल के छिलके से बुनाई की गई है.
समय के साथ कंघे चाहे कितने ही बदले अगर कुछ नहीं बदला तो उनके नुकीले शेप. अब आधुनिक समय में इस तरह के कंघे देखने को मिलते हैं.
तस्वीर साभार - Indian Culture Portal