Feb 7, 2025, 11:07 PM IST
गंगा में डुबकी लगाने का क्या है नियम
Kuldeep Panwar
गंगा नदी को भगवान विष्णु के पैर के नाखून से निकला हुआ बताया गया है, जिसे भगवान शंकर अपने सिर पर धारण करते हैं.
गंगा नदी को इसी कारण देवी स्वरूप माना गया है, जिसमें डुबकी लगाने को हिंदू धर्म में सबसे पवित्र और पापनाशक माना गया है.
प्रयागराज में महाकुंभ होने पर गंगा नदी में स्नान की अहमियत और ज्यादा बढ़ जाती है, क्योंकि यहीं समुद्र मंथन का अमृत छलका था.
गंगा में डुबकी लगाने से पापों का नाश होकर मोक्ष की प्राप्ति होने के बारे में हिंदू पुराणों में लिखा है. इसके नियम भी बताए गए हैं.
मान्यताओं के मुताबिक, गंगा स्नान में कम से कम 3, 5 या 7 डुबकी लगानी शुभ होती हैं. हालांकि 5, 7 या 12 डुबकी भी लगा सकते हैं.
'गंगे च यमुने चैव गोदावरि सरस्वति, नर्मदे सिंधु कावेरी जलेस्मिन् सन्निधिं कुरू' मंत्र का जाप करते हुए गंगा में डुबकी लगानी चाहिए.
गंगा स्नान से जुड़े हुए कुछ और नियम भी हैं. स्नान से पहले गंगा को माता मानकर प्रणाम करके गंगाजल मस्तक को लगाना चाहिए.
गंगा में स्नान के लिए प्रवेश करते समय पहले उल्टा पैर पानी में रखना चाहिए और स्नान के दौरान साबुन, शैंपू आदि नहीं लगाने चाहिए.
गंगा स्नान के बाद शरीर तौलिए से पोंछने के बाद सूखने देना चाहिए. शरीर के उतारे हुए कपड़ों को भी गंगा जल में नहीं धोना चाहिए.
गंगा नदी में स्नान को पूजा के बराबर अहम माना जाता है. इसलिए स्नान के बाद गरीब व जरूरतमंदों को दान करके पुण्य लेना चाहिए.
DISCLAIMER: यह पूरी जानकारी सामाजिक और धार्मिक मान्यताओं व आस्थाओं पर आधारित है. इसकी सत्यता की पुष्टि DNA Hindi नहीं करता है.
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