ऐसे लोग जो हमेशा दूसरों की बुराई करते रहते हों. दूसरों जलते हों और बात-बात पर गुस्सा करते हों, टॉक्सिक आदतों वाले कहे जाते हैं.
टॉक्सिक लोगों की आदत होती है कि वे सामने वाले शख्स को कंट्रोल करें. उस पर हावी हगो जाएं. अगर आप उनकी बात न मानें तो वे आपको गिल्ट महसूस कराएं.
ऐसे लोगों की आदत होती है कि वे आपको हमेशा दोषी बताएंगे और खुद को सही बताते रहेंगे. अपनी गलती मानेंगे ही नहीं.
अगर आप भी ऐसे टॉक्सिक लोगों के बीच हैं और उन्हें झेल नहीं पा रहे हैं तो यहां बताए टिप्स को अपनाएं.
सबसे अच्छा उपाय है कि जवाब ही न दें, क्योंकि चुप्पी में शब्द नहीं होते लेकिन जवाब चुप्पी में ही छुपा होता है.
चुप रहें
ऐसे लोगों का अवलोकन करें जो बार-बार आपको बुरा कहते हैं या बुरा महसूस कराते हैं. उनसे दूरी बनाएं.
दूरी बनाएं
जरूरी नहीं कि हर बात का जवाब दिया जाए. कुछ बातें मजाक में भी उड़ाई जा सकती हैं. जितना आप किसी बात पर ध्यान देंगे वो उतनी बड़ी होती जाएगी.
भावनात्मक मजबूती
जो लोग आपको बुरा भला कह रहे हैं उनसे सीधे बात करें. उनसे उनकी दिक्कत पूछें. हो सकता है वो आप में कुछ सुधार चाहते हों. अगर जरूरी लगे तो उन तरीकों को अपनाएं अन्यथा ध्यान न दें.
सीधा संवाद
दूसरों की बातों पर ध्यान देने से बेहतर है खुद का कद ऊंचा करें. खुद पर ध्यान दें. दूसरों का काम है कहना. आप वो करें जिससे दूसरों को नुकसान न हो और आप खुश रहें.