Aug 25, 2024, 06:41 AM IST

मेंटली स्ट्रॉग नहीं वीक बनाती हैं ये आदतें

Ritu Singh

मानसिक रूप से मजबूत लोगों में अपनी भावनाओं, विचारों और व्यवहारों को नियंत्रित करने की क्षमता होती है.

असफलताओं या विपरीत परिस्थितियों में भी ये सामान्य रहते हैं और इसके पीछे उनकी कुछ बेहतरीन आदतें होती हैं.

अगर कोई मेंटली स्ट्रॉग होता है तो उसकी लक्षण अलग ही नजर आते हैं. तो चलिए जानें मेंटली स्ट्रॉग लोग दूसरो से अलग कैसे होते हैं, 

और इनके अंदर कौन सी 9 आदतें बिलकुल नहीं होती, अगर आप भी इन आदतों को त्याग दें तो आप मेंटली स्ट्रॉग बन जाएंगे.

'मैं जैसा हूं वैसा ही हूं' अगर आपमें ये आदत है तो उसे सुधारें. क्योंकि ये मेंटली स्ट्रॉग लोगों में नहीं होती है. वे समय और जरूरत के हिसाब से बदलते हैं.

 ‘मैं ही क्यों?’ अगर आप ये सवाल करते हैं तो आप मेंटली स्ट्रॉग नहीं है. इस आदत को छोड़ दें. मेंटली स्ट्रॉग लोग जिम्मेदारी लेते हैं 

‘यह आपकी गलती है’ कहकर अपना पल्ला झाड़ने वाले मेंटली स्ट्रॉग नहीं होते, बल्कि वे टीम की गलती को खुद की गलती मानते हैं.

‘मुझे इसकी परवाह नहीं कि कोई क्या सोचता है’  ये सोच सही है लेकिन हमेशा नहीं. लोगों का फीडबैक आपको मेंटली स्ट्रॉग बनाता है.

अगर आप असफलता के डर से जोखिम नहीं लेते तो आप मेंटली स्ट्रॉग नहीं हो सकते. इसलिए इस आदत को त्याग दें.

एक मेंटली स्ट्रॉग व्यक्ति ये कभी नहीं कहता कि ‘यह आपकी समस्या है, मेरी नहीं’. इस आदत को त्याग दें.

ये कभी न सोचें आगे क्या होगा, जो ये सोचता है कि आगे क्या होगा वह डरा रहता है और मेंटली स्ट्रॉग हो ही नहीं सकता.

मैं बाद में शुरू करुंगा, जब मुझे ऐसा लगेगा’ ये कहने वाले मेंटली वीक होते हैं. समय पर काम करना आपको मेंटली स्ट्रॉग बनाता है.

असफलता मिलने पर जो अपनी कमियों को देखता है और सुधारकर फिर से काम करता है वही मेंटली स्ट्रॉग होता है. असलफलता से जो डरता है वह स्ट्रॉग नहीं होता