Aug 21, 2024, 02:28 PM IST

किस उम्र में हुई थी कर्ण की मृत्यु

Nitin Sharma

महाभारत में कौरवों की तरफ से युद्ध में लड़ने वाला कर्ण महान योद्धा होने के साथ ही बड़ा दानवीर था.

महाभारत में कर्ण को सच्चा मित्र, योद्धा और बड़ा दानवीर बताया गया है. 

पांडवों की मां कुती ने विवाह से पहले कर्ण को जन्म दिया था. इसलिए लोकलज्जा के डर से उसे नदी में बहा दिया.

कर्ण का पालन पोषण एक सूत परिवार में हुआ. इसलिए कर्ण को सूत पुत्र कहा जाने लगा. 

सूत पुत्र होने के चलते कर्ण को कई सभाओं में अपमान का सामना करना पड़ा. तब कौरवों के भाई दुर्योधन ने कर्ण को अंगदेश का राजा बना दिया. 

दुर्योधन अर्जुन को अपना दुश्मन मानता था. ऐसे में मित्रता निभाते हुए कर्ण ने अर्जुन को मारने की कसम खाई थी. 

श्रीकृष्ण ने कर्ण को बताया कि वह कुंती पुत्र और पांडवों का भाई है. इसलिए उसे पांडवों का साथ देना चाहिए. साथ ही कौरवों का अंत निश्चित है.

यह सच्चाई पता होने के बाद भी कर्ण ने श्रीकृष्ण से कहा कि आप जो चाहे मांग लिजिए, लेकिन मैं अपने मित्र दुर्योधन की तरफ से अर्जुन को मारने का प्रण ले चुका हूं. चाहे इसमें मेरी जान ही क्यों न चली जाये.

महाभारत युद्ध में कर्ण लगातार लड़ता रहा. उसने कई योद्धाओं के छक्के छुड़ा दिये. इस युद्ध में 18वें दिन अर्जुन ने कर्ण की मृत्यु कर दी. 

जिस समय महाभारत युद्ध में कर्ण ने अपने प्राण त्यागे. उस समय कर्ण की उम्र 50 वर्ष थी.