Apr 15, 2024, 09:40 AM IST

पोहा या इडली डायबिटीज में क्या खाने से शुगर रहेगा कंट्रोल

Ritu Singh

 पोहा और इडली के फायदे और नुकसान हैं दोनों हैं लेकिन आयुर्वेद में डायबिटीज में दोनों में से किसे बेस्ट माना गया है चलिए जानें.

नाश्ते के लिए पोहा और इडली दोनों ही हेल्दी हैं लेकिन डायबिटीज में इसके अलग-अलग प्रभाव होते हैं.

पोहा को चपटा चावल भी कहा जाता है, जो आयरन और विटामिन बी का एक समृद्ध स्रोत है.

और  जब मूंगफली, नींबू, धनिया, प्याज-अदरक के साथ पकाया जाता है तो इसके गुण और बढ़ जाते हैं.

यह एक पौष्टिक भोजन बन जाता है जो कार्ब्स, पोषक तत्व और खनिज प्रदान करता है.

सफेद चावल की तुलना में यह डायबिटीज में ज्यादा फायदेमंद है, क्योंकि इसमें फाइबर होता है जो ब्लड शुगर की रिहाई को धीमा कर देता है.

वहीं, इडली पके हुए चावल से बनाई जाती है, और किसी भी खाना पकाने के तेल के उपयोग के बिना भाप में पकाई जाती है.

जबकि इडली तेल मुक्त है, इसके मौजूद सफेद चावल के कारण डायबिटीज में रक्त शर्करा के स्तर को बढ़ाती है.

सफेद चावल के स्थान पर बाजरा या दाल का उपयोग करने से चयापचय संबंधी विकार वाले लोगों के लिए ये सही हो सकती है.

लेकिन पारंपरिक सफेद इडली में मुख्य सामग्री सफेद चावल और काली दाल (उड़द दाल) है, जो हाई कार्ब और स्टार्च के कारण शुगर स्पाइक करता हैं.

ये ब्लड में ग्लूकोज को तेजी से बढ़ाती है इसलिए पोहा ज्यादा बेस्ट है लेकिन इडली अगर चावल की जगह सूजी, दाल से बने तो वह भी फायदेमंद हो सकती है.