Sep 28, 2024, 07:28 AM IST
कांजीवरम और बनारसी साड़ी में क्या अंतर है?
Smita Mugdha
साड़ी भारतीय संस्कृति और पहनावे का एक अहम हिस्सा है और आज भी यह एक लोकप्रिय परिधान है.
भारत में बनारसी, पटोला, कांजीवरम समेत साड़ियों की कई वैरायटी मौजूद है.
नॉर्थ इंडियन, साउथ इंडियन, गुजराती, और महाराष्ट्रीयन जैसी शैली की साड़ी का अपना एक विशेष तरीका और महत्व है.
कांजीवरम और बनारसी साड़ियां बेहद लोकप्रिय हैं, लेकिन ज्यादातर लोगों को इन दोनों साड़ी के बीच का फर्क नहीं पता है.
कांजीवरम साड़ी दक्षिण भारत के कांजीवरम शहर की पहचान है और यह प्योर शहतूत रेशम के बनाई जाती है.
बनारसी साड़ी साड़ी उत्तर प्रदेश के वाराणसी यानी की बनारस से आई है और ये रेशम से बनी होती है.
बनारसी साड़ी पर आम तौर पर मुगल-प्रेरित डिजाइन होते हैं. इसमें हिंदू-मुस्लिम संस्कृति का मिला-जुला रूप दिखता है.
डिजाइन और पैटर्न की तो, कांजीवरम साड़ी में पारंपरिक दक्षिण कारीगरी मंदिर, मोर, पत्ते वगैरह की आकृति होती है.
कांजीवरम साड़ी आमतौर पर भारी होती है और इसकी बनावट मजबूत होती है. वहीं बनारसी साड़ी हल्की होती है.
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