Aug 19, 2024, 12:56 PM IST
तवायफों के दांतों को क्यों किया जाता था काला? जानें क्या थी ये रस्म
Aman Maheshwari
भारत में मुगलों के राज में कई शहरों में कोठे हुआ करते थे जो तवायफों से गुलजार हुआ करते थे. यहां पर अमीर और शौकीन लोग आया करते थे.
तवायफों के पास जाना और मौज-मस्ती करना राजा-महाराजाओं का शौक हुआ करता था. उस समय में तवायफ बनना इतना आसान नहीं था.
जब कोई लड़की तवायफ बनती है तो उसे तीन रस्म अंगिया, मिस्सी और नथ उतराई निभानी पड़ती थी. इनमें से एक रस्म मिस्सी थी.
इसी रस्म को पूरा करने के लिए तवायफ के दातों को काला किया जाता था. चलिए जानते हैं कि ऐसी अनोखी रस्म क्यों निभाई जाती थी.
उस जमाने में आज के जमाने से विपरित काले दांतों और लाल होठ को खूबसूरत माना जाता था. इसी वजह से तवायफ के दांतों को काला किया जाता था.
तवायफ के दातों को काला करने के लिए आयरन और कॉपर सल्फेट का बना पाउडर इस्तेमाल करते थे. इससे तवायफ के दांत काले किए जाते थे.
तवायफ बनने की इस रस्म में सिर्फ कोठे की औरतें ही शामिल होती थीं. इन सभी रस्मों को पूरा करने के बाद नाच-गाना होता था.
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