Jan 16, 2025, 11:44 PM IST
इन दिनों ठंड काफी ज्यादा है, आमतौर पर लोग सर्दियों के मौसम बिस्तर छोड़ नहीं पाते हैं. भीषण ठंड में थोड़ी देर भी रजाई के बिना बैठ पाना मुश्किल हो जाता है.
हालांकि इस भीषण ठंड में भी प्रेमानंद जी महाराज एक पीली लुंगी, सफेद बनियान के ऊपर हल्का पीले रंग का कपड़ा पहनकर घंटों लोगों के बीच रहते हैं.
ऐसे में प्रेमानंद जी महाराज से एक लड़की ने पूछा की क्या आपको ठंड नहीं लगती? इसका जवाब प्रेमानंद जी महाराज ने मुस्कुराते हुए दिया कि...
जितने से काम चल जाए चला लेते हैं, पहले गंगा किनारे रहना होता है, जहां भीषण ठंड होती थी, उस समय हमने स्वेटर, शाॅल, कंबल का इस्तेमाल कभी नहीं किया था...
उस समय कष्ट होता था. लेकिन, अब एक बनियान से अगर काम चल जा रहा है तो हम काम चला लेते हैं. उन्होंने कहा बाहर निकलेंगे तो ठंड महसूस होगी.
उतनी देर के लिए ही, उसके बाद खत्म. महाराज जी आगे कहते हैं कि चिंतन में हम जब प्रभु का चिंतन कर रहे हैं तो फिर इन सब ठंडी और गर्मी से अंतर नहीं पड़ता है.
उन्होंने आगे कहा कि भूख, प्यास, सर्दी, गर्मी, मार सब सही है. अब ऐसा परिपक्व भाव बन गया है. इसलिए ठंड अब इतनी ठंड नहीं लगती है.