Nov 18, 2024, 07:30 PM IST
बंगाल में सुहागनें सफेद और लाल रंग की साड़ी ही क्यों पहनती हैं?
Smita Mugdha
बंगाल में साड़ियों की कई वैरायटी मिलती है और खूब प्रचलित भी हैं, जैसे कि तांत, मुर्शिदाबाद सिल्क साड़ी वगैरह.
बंगाल की इन मशहूर साड़ियों के साथ ही एक लाल पार की साड़ी होती है, जिसे वहां की सांस्कृतिक पहचान माना जाता है.
लाल पार की साड़ी की खासियत सफेद रंग की साड़ी का लाल बॉर्डर होता है और इसलिए इसे लाल पार की साड़ी कहते हैं.
विजयादशमी हो या कोई और शुभ मौका, बंगाल की सुहागन महिलाएं खास तौर पर ये लाल पार की साड़ी पहनती हैं.
क्या आप जानते हैं कि बंगाल की सांस्कृतिक पहचान लाल पार की इन साड़ियों में खास तौर पर दो ही रंग क्यों प्रयोग होते हैं?
सफेद रंग शुद्धता के साथ विद्या की देवी सरस्वती का प्रिय रंग है और लाल रंग ऊर्जा और साहस के साथ देवी दुर्गा का प्रिय रंग है.
बंगाल में देवी दुर्गा की मान्यता के साथ ही विद्या की देवी सरस्वती की भी खूब पूजा होती है और यह वहां की संस्कृति का हिस्सा है.
लाल पार की यह साड़ी कॉटन, तांत, ढाका जामदानी, सिल्क समेत कई फैब्रिक में मिलती है.
बंगाल में साड़ियों की काफी वैरायटी मिलती है और दशकों से यह भारतीय फैशन और परंपरा का अहम हिस्सा हैं.
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