पृथ्वी का मैग्नेटिक पोल जीवन के लिए काफी जरूरी है. ये मैग्नेटिक पोल सूर्य के हानिकारिक किरणों और कॉस्मिक पार्टिकल्स से धरती की रक्षा करके इसे रहने लायक बनाते हैं.
ये जियोमैग्नेटिक फील्ड इसलिए भी जरूरी है क्योंकि इसी से पक्षियों, जानवरों और इंसानों को लंबी दूरी के रास्तों का पता लगाने में मदद मिलती है. लेकिन पृथ्वी के उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव स्थिर नहीं हैं, बीबीसी साइंस फोकस के मुताबिक ये ध्रुव अपनी जगह बदल रहे हैं.
साल 1990 तक उत्तरी पोल हर साल 15 किलोमीटर तक खिसक रहा था लेकिन इसके बाद यह और तेजी से खिसकने लगा और अब यह साइबेरिया की तरफ 55 किलोमीटर की गति से खिसक रहा है.
इस हलचल से चुंबकीय बदलाव हो रहा है जिससे उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव अपनी जगह बदल रहे हैं. नासा के मुताबिक पिछले करीब 83 मिलियन वर्षों में ये 183 बार हो चुका है.
इस पलटाव से ध्रुवों में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं हालांकि एक्सपर्ट अबतक इसका पता लगाने में नाकाम रहे हैं कि आखिर यह घटना अचानक बढ़ क्यों गई है?
धरती का चुंबकीय क्षेत्र अगर खत्म हो गया तो इससे धरतीवासियों को काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है. इससे दुनिया की टेक्नॉलजी पर असर पड़ेगा और उपकरणों का संचालन ठीक तरह से नहीं हो पाएगा.
इसके अलावा इससे सबसे बड़ा खतरा सूर्य की हानिकारक किरणों का धरती पर आना होगा, जिससे जिंदा कोशिकाओं का म्यूटेशन रेट बढ़ जाएगा और यह जानवरों और इंसानों में कैंसर का कारण बनेगा.