Jul 8, 2024, 12:03 PM IST

लंबे समय तक अंतरिक्ष में रहने से शरीर पर क्या होता है असर?

Jaya Pandey

अंतरिक्ष में फंस जाने और धरती पर लौटने के लिए कोई रास्ता न दिखाई देने की स्थिति से भयावह शायद ही कोई और कल्पना होगी. 

हालांकि इस स्थिति से कुछ हद तक भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स अपने साथी बैरी विल्मोर के साथ जूझ रही हैं.

लेकिन ये दोनों एस्ट्रोनॉट्स इंटरनेशनल स्पेस सेंटर में अपने स्पेसक्राफ्ट के अंदर सुरक्षित हैं पर अगर कोई इंसान बिना अंतरिक्षयान के स्पेस में फंस जाए तो क्या होगा?

अगर कोई इंसान अंतरिक्ष में खो गया तो उसके पास जिंदा रहने के लिए कितना समय है, यह इस पर निर्भर करता है कि उसके पास स्पेससूट है या नहीं.

कोई एस्ट्रोनॉट्स अगर स्पेस में बिना स्पेसक्राफ्ट और स्पेससूट के फंसा हुआ है और उसके धरती पर वापस लौटने का कोई रास्ता नहीं बचा है तो कुछ समय में ही उसकी हाइपोक्सिया से मौत हो जाएगी.

स्पेस में उसका शरीर बिना किसी वायुमंडल के जीरो प्रेशर और अत्यधिक तापमान को सह नहीं पाएगा. 

इतने कम प्रेशर में तरल पदार्थ धरती के मुकाबले कम तापमान पर ही उबलना शुरू हो जाता है तो ऐसे में इंसानी शरीर के सभी टिशू जिसमें पानी होता है, वे फैलने लगेंगे.

दिमाग तक ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाएगा और वह इंसान 10 से 15 सेकेंड के अंदर ही बेहोश हो जाएगा. इतना ही नहीं फेफड़ों से सारी हवा भी बाहर निकल जाएगी.

अंतरिक्ष सूर्य की वजह से या तो बहुत गर्म है और या बहुत ठंडा है. इससे उस इंसान की या तो स्किन जल जाएगी या फिर सर्दी की वजह से ठिठुरने लगेगी. 

शरीर पर इस तरह से असर होने पर निश्चित ही उस इंसान की मौत हो जाएगी और यह मौत इतनी दर्दनाक होगी जिसकी कोई कल्पना भी नहीं कर सकता.