हीरों से बना ग्रह, खूनी ग्लेशियर..., हमारे ब्रह्मांड की 9 सबसे अजीब जगहें
Jaya Pandey
55 कैनक्री ई पृथ्वी से आठ गुना भारी है. यह अपने तारे की परिक्रमा सिर्फ 17 घंटों में पूरा करता है. यहां तापमान 2400 डिग्री सेल्सियस तक चला जाता है. कार्बन समृद्ध संरचना और अत्यधिक दबाव के कारण यह अधिकतर हीरे से बना हुआ है.
सबसे चमकीले तारों में से एक वेगा काफी तेजी से घूमता है. यह गोलाकार न होकर अंडाकार है. यह सिर्फ 12.5घंटे में एक चक्कर पूरा कर लेता है.रात में आप इसे आसानी से देख सकते हैं.
NGC 6791 तारा समूह 13300 प्रकाशवर्ष दूर है. इसमें पुराने और धातु समृद्ध दोनों प्रकार के तारे शामिल हैं. वैज्ञानिक इसपर रिसर्च करने में जुटे हुए हैं.
अंतरिक्ष में काफी खाली जगहें भी हैं जैसे एरिडानस सुपरवॉयड. ये विशाल खाली जगहें लाखों प्रकाशवर्ष तक फैली हुई हैं और ठंडे जगहों के लिए जिम्मेदार हैं.
फर्मी बबल्स विशाल गामा रे संरचनाएं हैं जो आकाशगंगा के केंद्र से 25 हजार प्रकाश वर्ष ऊपर और नीचे फैली हुई हैं. उनकी उत्पत्ति एक रहस्य बनी हुई है लेकिन हो सकता है कि वे आकाशगंगा के सुपरमैसिव ब्लैक होल से निकलने वाली ऊर्जा से बने हों.
अंटार्कटिका में ब्लड फॉल्स का लाल रंग टेलर ग्लेशियल से रिसने वाले लौह समृद्ध नमकीन पानी से आता है. हवा के संपर्क में आने पर ऑक्सीडेशन करता है जिसकी वजह से पानी खून जैसा दिखने लगता है. ग्लेशियर के नीचे माइक्रोब्स की 12 प्रजातियां इस वजह से पनपती हैं.
एक्सोप्लैनेट HD189733b पर तापमान 1000 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है जिससे सिलिकेट के कण संघनित होकर कांच का रूप ले लेते हैं. 7000 किमी/घंटा की रफ्तार से चलने वाली तेज हवाएं कांच के कणों को उछालती हैं जिससे कांच की बारिश की वजह से यह एक घातक जगहबन जाती है.
GW150914 के रूप में पहचाने गए ब्लैक होल विलय ने स्पेस टाइम को फैलाने वाली गुरुत्वाकर्षण तरंगें उत्पन्न कीं. इस विलय से पहले अंतिम मिलीसेकंड में ब्लैक होल ने तारों की अपेक्षा ज्यादा ऊर्जा फैलाई.
एक नई स्टडी से पता चलता है कि पृथ्वी के शुरुआती सालों में अस्थायी ध्रुवीय चंद्रमा मौजूद रहे होंगे. ये थिया प्रभाव के बाद चंद्रमा की निकटता के कारण स्थिर थे जिससे पृथ्वी चंद्रमा प्रणाली निर्माण में जटिलता बढ़ गई.