एक ओर जहां पक्षियों में अपने पंखों की वजह से उड़ने की क्षमता होती है तो वहीं धरती पर कुछ ऐसे जानवर भी हैं जो बिना पंखों के उड़ सकते हैं.
ग्लाइडिंग गेको अपने पंजों के बीच की त्वचा की वजह से एक पेड़ से दूसरे पेड़ पर कूदता है जो उड़ने जैसा ही दिखाई देता है.
उड़ने वाली मछलियों में खास पंख पाए जाते हैं जो उन्हें पानी की सतह से थोड़ा ऊपर तक उड़ने में मदद करते हैं. अधिकतर वह शिकारी से बचने के लिए ऐसा करती हैं.
पैराडाइज ट्री स्नेक अपने पसलियों का इस्तेमाल करके शरीर को एक चिपटी पट्टी में खींचकर एक पेड़ से दूसरे पेड़ पर फिसलते हैं जो उड़ने जैसा ही एहसास कराता है.
कुछ गिलहरियां भी उड़ने में सक्षम होती हैं. इनके पैर और हाथ एक रोएंदार झिल्ली से जुड़े होते हैं जिसे पैटाजियम कहते हैं जिसकी मदद से ये एक पेड़ से दूसरे पेड़ तक सरक सकते हैं.
ड्रेको छिपकली अपनी हवाई कौशल की वजह से जानी जाती है. इनमें लंबी पसलियां होती हैं जो एक ग्लाइडिंग झिल्ली को सहारा देती है और इन्हें उड़ने में सक्षम बनाती हैं.
अपने विशाल पैटाजियम और फुर्तीले अंगों की वजह से कोलुगो घने जंगलों में आसानी से सरक सकता है.
चमगादड़ भी अपने पैटाजियम और चपलता की वजह से रात में शिकार की तलाश में आसानी से उड़ सकते हैं.