Jan 22, 2025, 09:08 AM IST
जीजा या फूफा क्यों नहीं, 'चांद' को चंदा मामा ही क्यों कहते हैं?
Raja Ram
भारत में जब भी चांद का नाम लिया जाता है, तो उसके साथ 'मामा' शब्द जुड़ जाता है. क्या आपने कभी सोचा है कि ऐसा क्यों?
बचपन में हम सभी ने 'चंदा मामा दूर के' गीत जरूर सुना होगा। लेकिन इस गीत में चांद को मामा क्यों कहा गया है?
हिंदू धर्म की पौराणिक कथाओं में चांद को लक्ष्मी देवी का भाई माना जाता है. समुद्र मंथन के दौरान चांद समेत कई अन्य तत्व भी उत्पन्न हुए थे.
लक्ष्मी माता के भाई के रूप में चांद को 'मामा' का दर्जा मिला.
हम पृथ्वी को माता के रूप में देखते हैं, और चांद पृथ्वी के चारों ओर भाई की तरह चक्कर लगाता है. इस रिश्ते में चांद को मामा का दर्जा क्यों दिया गया.
माना जाता है कि मामा शब्द परिवार में एक सम्मानजनक संबोधन है. क्या चांद के साथ यही सम्मान जुड़ा है?
भारत में चांद को मामा मानने की परंपरा एक संस्कृतिक विश्वास का हिस्सा है, जिसमें चांद को एक शुभ और पवित्र संकेत माना जाता है.
हिंदू धर्म और संस्कृति में चांद को अक्सर शुभ और आशीर्वाद से जोड़ा गया है और मामा संबोधन में इसे एक पवित्र और आदरणीय स्थान मिला है.
(Disclaimer: यह खबर वायरल दावों और मान्यताओं पर आधारित है. DNA हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है).
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