आपने अक्सर रात में जानवरों को रोते हुए सुना होगा लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसके पीछे वजह क्या होती है? आज हम आपको इसके पीछे का साइंस समझाएंगे.
कई जानवर सुरक्षा और अपने अस्तित्व को बचाए रखने के लिए रात के समय रोते या आवाजें निकालते हैं. रात का वक्त संचार के लिए बेहद शांत होता है.
रात में सक्रिय रहने वाले जानवर अपने साथी को खोजने या खतरे का संकेत देने के लिए रोते हैं. ऐसे में कम रोशनी वाले वातावरण में वह खुद को जीवित रखना सुनिश्चित करते हैं.
रात में रोने से वे दिन में अपने सक्रिय शिकारियों से सुरक्षित रहते हैं. रात का वक्त उन्हें संचार के लिए एक सुरक्षित अवसर देता है.
रात के वक्त ध्वनि अधिक दूर तक जाती है, इससे कम्युनिकेशन एफिसिएंसी में सुधार होता है और जानवरों को बड़े क्षेत्रों तक जुड़े रहने में मदद मिलती है.
भेड़िए और उल्लू जैसे कुछ जानवर रात में अधिक सक्रिय रहते हैं. ऐसे में रात के वक्त आवाजें लगाना उनके व्यवहार का हिस्सा है.
जब रात के वक्त शिकारी सो रहे होते हैं तो वे उस वक्त आवाज देकर खुद के शिकार बनने का जोखिम कम कर लेते हैं और खुद को अनावश्यक खतरों से बचा लेते हैं.