Mar 24, 2024, 08:42 PM IST
दुनिया में आने वाले हर प्राणी को पता है कि उसे एक दिन चले ही जाना है. यह ऐसा सत्य है, जिसे कोई बदल नहीं सकता.
मृत्यु को लेकर लोगों के मन में कई तरह के सवाल होते हैं, जिनके सटीक जवाब बहुत कम ही मिल पाते हैं.
इसी तरह से लोगों के मन में यह भी सवाल आता है कि शरीर से कैसे जीव निकल जाता है.
गरुण पुराण जीवन और मृत्यु के विषय में बहुत कुछ लिखा गया है, आइए इसी पुराण से इस सवाल का जवाब जानते हैं.
गरुड़ पुराण के मुताबिक, मरते समय आत्मा शरीर के नौ द्वारों में से किसी से शरीर छोड़ती है. ये नौ द्वार दो आखें, दो कान, दो नासिका, मुंह और उत्सर्जन अंग होते हैं.
गरुड़ पुराण के अनुसार, मृत्यु के वक्त इंसान की सभी इंद्रियां नष्ट हो जाती हैं और वह हिल नहीं पाता है.
उस समय अंगुष्ठ मात्र आत्मा देह से निकलती है. कहा जाता है कि इसी समय दो यमदूत आकर पकड़ लेते हैं.
कहा जाता है कि जब तक शरीर का अंतिम संस्कार नहीं कर दिया जाता, तब तक जीव उसके आसपास मंडराता रहता है.
मृत्यु के तीसरे दिन से लेकर 40 दिन के अंदर पुनर्जन्म होता है.