Aug 21, 2024, 11:48 PM IST
कब और कहां हुई थी पांडवों की माता कुंती की मृत्यु
Aditya Katariya
महाभारत के प्रमुख पात्रों में से एक कुंती की मृत्यु के बारे में कई तरह की कहानियां और मान्यताएं प्रचलित हैं.
आज हम आपको यहां बताएंगे कि कुंती की मृत्यु कैसे हुई थीं.
महाभारत युद्ध में पांडवों की जीत के बाद युधिष्ठिर हस्तिनापुर के राजा बने थें.
कौरवों की हार के बाद धृतराष्ट्र और गांधारी भी पांडवों के साथ रहने लगे थे.
महाभारत युद्ध के कुछ समय बाद धृतराष्ट्र, गांधारी, कुंती और संजय वन में तपस्या करने के लिए चले गए थें.
वे तीनों हरिद्वार में तपस्या कर रहे थे, तभी एक दिन जंगल में भीषणआग लग गई और वे तीनों आग से बच नहीं पाए और उसमें समा गए.
एक अन्य मान्यता के अनुसार कुरुक्षेत्र के युद्ध के बाद दुःख और निराशा के कारण कुंती ने अपना शरीर त्याग दिया था.
कुंती महाभारत की एक बहुत ही महत्वपूर्ण पात्र हैं. उन्होंने अपने जीवन में कई कठिनाइयों का सामना किया, लेकिन उन्होंने हमेशा धैर्य और शक्ति से काम लिया.
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.
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