Dec 29, 2023, 03:21 PM IST
भगवान श्रीराम भगवान विष्णु का अवतार थे. सतयुग में श्री राम ने अयोध्या के राजा दशरथ के घर में जन्म लिया था.
श्री राम राजा दशरथ के 4 पुत्रों में सबसे बड़े थे. उन्हें एक आदर्श पुरुष के रूप में देखा जाता है. यही वजह है कि श्री राम को मर्यादा पुरुषोत्तम राम भी कहा जाता है.
भगवान राम अपने पिता की आज्ञा का पालन करते थे. उन्होंने मां कैकेयी के आदेश पर अयोध्या की राजगद्दी छोड़कर वनवास ले लिया था. इससे शिक्षा मिलती है कि संतान का सबसे पहला धर्म माता पिता की आज्ञा का पालन करना है.
श्रीराम धैर्यशीलता का सबसे बड़ा उदाहरण थे. उन्होंने वनवास से लेकर समुद्र पर सेतु तैयार कराने के दौरान धैर्य रखा. इसी के बाद जीत भी हासिल की.
श्री राम आदर्श के प्रतीक थे.वह आदर्श बेटे होने के साथ ही एक आदर्श भाई भी थे. श्रीराम की तरह ही आदर्शों को आगे रखने वाले को जीवन में सुख की प्राप्ति होती है.
मित्रता निभाने में श्री राम सबसे आगे थे. उन्होंने खुद को संकट में डालकर केवट से लेकर विभीष्ण और सुग्रीव के साथ दोस्ती निभाई. भगवान राम ने किसी के साथ भेदभाव नहीं किया.