Apr 19, 2025, 09:01 AM IST

कौन सी दाल खाना हिंदू धर्म में वर्जित है?

Ritu Singh

हिंदू धर्म में दाल को सात्विक भोजन माना गया है लेकिन एक दाल को छोड़ कर. 

साधु-संत, ऋषि-मुनि, ब्राह्मण  या शाकाहारी लोगों को हिंदू धर्म एक दाल न खान की न दान में देने या लेने की सलाह देता है.

हिंदू धर्म में माना गया है कि ये एक दाल इंसानी खून से बनी है इसलिए ये नॉनवेज है और  इसी कारण साधु समाज इस दाल का भोग नहीं करता.

  हिंदू धर्म में जिस दाल को इंसानी खून से बना बताया गया है वह है मसूर की दाल .

वैष्णव पद्धति वाले साधु मसूर की दाल छूते तक नहीं है. इस दाल को मांस के समान माना गया है.

असल में समुद्र मंथन के दौरान जब विष्णु जी मोहिनी अवतार में देवी-देवताओं को अमृत बांट रहे थे, तब स्वर्भानु नाम का एक राक्षस,  देवता  के बीच भेष बदल कर बैठ गया था.  

लेकिन विष्णुजी पहचान गए और सुदर्शन चक्र से राक्षस स्वर्भानु का सिर काट दिया. उसकी मृत्यु नहीं हुई क्योंकि अमृत उसके कंठ तक पहुंच चुका था, लेकिन ...

उसका सिर और धड़ अलग हो गये थे. उसके सिर को राहु और धड़ को केतु कहा जाता है. ऐसा माना जाता है कि मसूर की उत्पत्ति उनके खून की बूंदों से हुई थी जो सिर कटने पर जमीन पर गिरी थीं. 

यही कारण है कि हिंदू धर्म में मसूर की दाल को वैष्णव संत और  उनके अनुयायी दाल को मांसाहार मानते हैं और इसे नहीं खाते. 

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. ये जानकारी समान्य रीतियों और मान्यताओं पर आधारित है.)