रावण के इन 5 अचूक मंत्रों में समाहित है धन पाने का सबसे आसान तरीका
Ritu Singh
रावण भगवान शिव का परम भक्त होने के साथ ही महान तांत्रिक और ज्योतिषी भी था. रावण की तंत्र विद्या और ज्योतिष का सार रावण संहिता में मिलता है. इसमें रावण ने जहां कई ज्योतिषीय रहस्य खोले हैं वहीं कुछ ऐसे उपाय भी बताए जिनसे देवी लक्ष्मी को धन देने के लिए मनाया जा सकता है.
प्रातःकाल स्नान ध्यान करके बड़गद के पेड़ के नीचे आसान बिछाकर 'ओम ह्रीं श्रीं क्लीं नम: ध्व: ध्व: स्वाहा' इस मंत्र का 1100 बार जप करें. जप के लिए रुद्राक्ष की माला का उपायोग करना चाहिए. कहते हैं 21 दिनों तक ऐसा करने से मंत्र सिद्ध हो जाता है और धन प्राप्ति के रास्ते खुल जाते हैं.
आपकी आय में असंतुलन बना रहता यानी आय में बार-बार बाधा आती रहती है तो संध्या के समय नियमित रूप से 40 दिनों तक 'ओम सरस्वती ईश्वरी भगवती माता क्रां क्लीं, श्रीं श्रीं मम धनं देहि फट् स्वाहा.' मंत्र का जप करें.
आमदनी तेजी से नहीं बढ़ रही है तो कुबेर का मंत्र 'ओम यक्षाय कुबेराय वैश्रवाणाय, धन धन्याधिपतये धन धान्य समृद्धि मे देहि दापय स्वाहा.' जप करें. जप करते समय अपने पास एक कौड़ी रखें. तीन माह तक इस मंत्र का जप करने के बाद कौड़ी को उस स्थान पर रख दें जहां आप पैसा रखते हैं.
धन दौलत की प्राप्ति के लिए रावण ने एक अन्य मंत्र बताए हैं 'ओम नमो विघ्नविनाशाय निधि दर्शन कुरु कुरु स्वाहा.' इस मंत्र के विषय में कहा जाता है कि आपका धन खो गया हो या आपकी जमा पूंजी लगातार कम होती जा रही है तो इसके जप से धन का ठहराव होता है और खोया धन पाने के संयोग बनते हैं. मंत्र के जप की संख्या दस हजार है.
'ओम ह्रीं श्रीं क्लीं महालक्ष्मी, महासरस्वती ममगृहे आगच्छ-आगच्छ ह्रीं नम:.' इस मंत्र का जप अक्षय तृतीया, होली या दीपावली की रात करने से धन प्राप्ति के मार्ग खुल जाते हैं.
एक बार में किसी एक ही मंत्र का जाप करें. सभी एक साथ न करें.