Oct 9, 2023, 10:22 AM IST

ये 5 बाबा अंग्रेजी में देते हैं प्रवचन

Nitin Sharma

भारत की भूमि पर बड़े-बड़े संत महात्माओं ने जन्म लिया है. जिन्होंने लोगों को जीवन की राह दिखाई है. इन्हीं में से कई संन्यासी ऐसे भी हैं, जो अंग्रेजी में प्रवचन देते हैं. 

आईआईटी से लेकर आईआईएम जैसे संस्थानों से पढ़ाई कर करोड़ों रुपये का पैकेज त्यागकर संन्यासी बनने वाले कई बाबा बिना रुके फर्राटेदार अंग्रेजी में प्रवचन देते हैं. इनके विचार लोगों को मोटिवेट भी करते हैं.

ये संन्यासी इंजीनियरिंग से लेकर मैनेजमेंट की पढ़ाई करने के बाद लाखों रुपये के पैकेज छोड़कर संन्यासी बने थे. यह अपनी अच्छी अंग्रेजी के दम पर देश ही नहीं विदेशों में भी अपनी छाप छोड़ते हैं.

गौर गोपाल दास संन्यासी होने के साथ ही आईआईटी पासआउट हैं. गौर गोपाल दास धर्म के रास्ते पर चलने की सिख देते के साथ ही मोटिवेट भी करते हैं. उनके सोशल मीडिया पर लाखों फॉलोवर्स हैं. इतना ही नहीं गौर गोपाल विदेशों में जाकर अंग्रेजी में प्रवचन देते हैं. 

स्वामी सुंदर गोपाल दास आईआईटी पास होने के साथ ही अपने बैच के गोल्ड मेडलिस्ट थे. 2004 में एमटेक करने के बाद 3 साल तक नौकरी की. इसके बाद करोड़ों का पैकेज छोड़कर संन्यासी बन गए. वह फर्राटे दार अंग्रेजी बोलते हुए लोगों को धर्म पर चलने की सीख देते हैं.

मुंबई के रहने वाले रसनाथ दास आईआईटी बॉम्बे से पासआउट हैं. इसके बाद वह अमेरिका चले गए थे. साल 2000 में वह अमेरिका चले गए. यहां से एमबीए करने के बाद 2006 में बतौर इन्वेस्टमेंट बैंकर बैंक ऑफ अमेरिका में नौकरी शुरू कर दी, लेकिन अचानक ही वह सबकुछ छोड़कर भारत आकर संन्यासी बनकर भगवान कृष्ण की भक्ति करने लगे. ​रसनाथ अमेरिका में भी प्रवचन देते हैं. उनके करोड़ों विदेशी फैन हैं.

स्वामी मुकुंदानंद जी आईआईटी दिल्ली से बीटेक की पढ़ाई करने के बाद आईआईएम से एमबीए कर चुके हैं. इसके बाद उन्होंने कुछ दिन नौकरी कर मोह माया को त्यागकर संन्यासी बन गए. वह भारत ही नहीं अमेरिका में भी प्रवचन देते हैं. साथ ही द साइंस  ऑफ माइंड मैनेजमेंट' के बारे में लोगों को समझाते हैं.

​दिल्ली के रहने वाले अविरल जैन आईआईटी से पास कर सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग की डिग्री लेने के बाद उन्हें Walmart कंपनी में नौकरी मिल गई थी. वह लाखों का पैकेज छोड़कर संन्यासी बन गए. अब वह देश ही नहीं विदेशों में भी लोगों को प्रवचन दे रहे हैं.